Prem Ganapathy-"Dosa Plaza".
- Translation by Dalip Rathore
- Aug 28, 2015
- 5 min read

हेलो दोस्तों।
ये कहानी है एक ऐसे Entrepreneurial की जिसके पास कुछ भी नहीं था, लेकिन जिसने अपनी मेहनत और लगन से इस पूरी दुनिया को ये दिखा दिया की, अगर इरादा पक्का हो, और हौसले बुलन्द हो तो कुछ भी पाया जा सकता है। ये कहानी है एक ऐसे इंसान की जो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, और एक वक़्त ऐसा था की उसके पास घर वापस जाने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन फिर भी उसने वो कर दिखाया जो लोग शायद सपनो में ही सोचते है। दोस्तों ये story है Prem Ganapathy की Owner Of "Dosa Plaza" तो दोस्तों ये ब्रांड तो आपको याद आ ही गया होगा। तो चलिये जानते है कैसे Mr. Prem Ganapathy ने सिर्फ़ Rs. 1000 से कैसे 30 Crore का सफ़र तय किया।
मैंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। मेरे पास कोई Particular Skills भी नहीं थी। मुझे मुंबई के लिए प्रलोभन दिया गया। Actually मुझे वहा लुटा जाना था। ये एक अच्छी शुरुआत नहीं थी मेरे Entrepreneurial Journey के लिए लेकिन ये मेरे लिए Best होना था।
में Nagalapuram के तमिल नाडु के Tuticorin District के एक ग़रीब परिवार से Belong करता हुँ। और मुझे अपने Higher Study के सपने को त्यागना पड़ा। क्योंकि मुझे मेरी फैमिली और मेरे सात भाई बहन को Support करना था। मुझे चेन्नई भेजा गया वहाँ में छोटे मोटे काम देखता था। मुझे Rs. 250 Per Month का Salary मिलता था। जो मुझे घर पर भेजना होता था।
एक दिन, एक परिचित ने मुझे मुम्बई में प्रति महीने Rs.1,200 के वेतन का वादा करके एक नौकरी का Offer दिया। मेरे माता पिता मेरे Job Change का Favour नहीं करते। इसलिये में उन्हें बिना बताये ही मुम्बई के लिए निकल गया। ये 1990 की बात है, उस वक़्त में 17 साल का था। उस परिचित ने मुझे लूट लिया था। मेरे पास जो Rs.200 थे वो भी ले लिए थे। उसने मुझे बान्द्रा में अकेला और असहाए छोड़ दिया था।
में मुश्किल से वहां की भाषा समझ पा रहा था और वहां किसी को जानता भी नहीं था। मेरे पास वापस जाने का कोई Option नहीं था क्योंकि मेरे पास बिल्कुल Money नहीं थी। तो मैंने वहीं किया जो में कर सकता था। तो मैंने वहां रुकने का फ़ैसला किया और अपना Luck Try करने की सोची।
अगले ही दिन मुझे Job मिल गयी बर्तन धोने की एक Local Backery में Rs. 150 Per Month पर। मेरे लिए अच्छा ये था की में Backery में सो सकता था। अगले 2 सालों में मैंने बहुत सारी छोटी मोटी नौकरियां की अलग अलग Restaurant में, और कोशिस की जितना हो सके बचाने की बचाऊँ।
1992 में, मैंने इतनी Money Save कर ली थी की में अपना खुद का Food Business Start कर सकूँ, Idlis And Dosas बेचने का। मैंने Rs.150 में एक ठेला लिया और Rs.1000 में बाकि सामान लिया जैसे बर्तन, एक स्टोव और Basic सामान और वाशी स्टेशन के सामने अपनी दुकान लगाई।
उसी वर्ष में मैंने अपने 2 भाईयो को जो क्रमश मुझसे 2 साल और 4 साल छोटे थे, Murgan And Parmashivan को मुम्बई ले आया Business में Help के लिए। हम Quality और साफ़ सफाई को ले कर बहुत ख़ास थे। और दूसरे सड़क के किनारे भोजनालय चल रहे लोगो से बिल्कुल अलग थे। हम बहुत अच्छे तरीके से कपडे पहने और टोपी पहने थे।
मुझे Dosa और Sambhar की Recipes मेरे Native Place से मिली थी। जिसने बहुत सारे Customers को आकर्षित किया। जल्दी ही Business अच्छा चलने लगा और हम Rs.20,000 Per Month का Net Profit Generate कर रहे थे।
हम मुश्किल से एक छोटी सी जगह ही Manage कर पाए वाशी में, जो हमारे रहने वाले Quarters और अस्थाई रसोई से दुगनी थी। वहां हम सभी सामग्री और मसाला तैयार करते थे।
हालांकि ये आसान नहीं था। हमने Risk Face किया गाडी जब्त की जा रही थी Municipal Authorities दवारा। क्योकि ठेले Foodstalls को लाइसेंस नहीं दिया जाता था Trade करने का।
वास्तव में हमारी गाडी बहुत बार जब्त की गयी और मुझे Fine Pay करना पड़ता था उनको Release करवाने के लिए। ये उत्पीडन तब खत्म हुआ जब हमने इतनी Money Save कर ली थी की हम अपना खुद का Restaurant Open कर सके।
1997 में हमने Lease पे एक छोटी सी जगह ली उसी इलाक़े में Rs.50,000 Deposit कर के और हमने उसका नाम रखा "Prem Sagar Dosa Plaza" हमने Rs.5,000 मासिक किराए और 2 People को काम पर रखा।
Restaurant में अक्सर कॉलेज जाने वालों का आना जाना था। उनमे से कुछ अच्छे दोस्त भी बन गये थे। उन्होंने मुझे सिखाया की कैसे इंटरनेट का इस्तेमाल करते है। जिसने मुझे दुनिया भर से नई Recipes पाने के लिये Help किया। जल्दी ही मैंने Experiment करना शुरू कर दिया Dosa के साथ, Like Schezwan Dosa, Paneer Chilly और Spring Roll Dosa. हमने 26 नये Dosa Innovate किये।
2002 तक, हम 105 से अधिक किस्मों के Dosa बनाने में कामयाब रहे। और हमारा Outlet बहुत लोकप्रिय हो गया था। हालांकि, मैंने सपना देखा Mall में एक दुकान खोलने का और यहाँ तक कुछ उपनगरीय Mall मे जगह पाने की कोसिश की। मुझे बार बार मना कर दिया गया था। क्योंकि जगह आरक्षित किया जाता था Branded भोजनालयों के लिए जैसे McDonald's and Pizza Hut.
मेरी क़िस्मत तब बदली जब एक दिन Centre One Mall हमारे इलाक़े में खोलने का फैसला लिया गया। उनके टीम मैनेजर और कर्मचारियों अक्सर हमारे Restaurant में भोजन करने आते थे और खाने का आनन्द लेते थे। उन्होंने मुझे सुझाव दिया, Mall में एक Outlet Open करने का और हमने खुशी से स्वीकार कर लिया।
हमारे Dosa की Publicity होने लगी और लोगो ने हमे Franchise के लिये अनुरोध करना Start कर दिया। हमने सहमती दे दी लेकिन इस शर्त के साथ की हम Dosa, Butter और दुसरी सामग्रियाँ Supply करेंगे।
2003 में पहली फ्रैंचाइज़ी "Wonder Mall" में Thane में Open हुई। लगभग 4-5 साल पहले हमने एक New Brand Logo लिया "DrD".
हमे कई बार आग्रह मिला है लोगों से जो Dosa Plaza दूसरी Countries में खोलना चाहते है। हमारे पास 3 Outlets New Zealand में और 2 Dubai में है और हम इस साल Muscat में कुछ खोलने की सोच रहे है। साथ ही हम 10-15 और Retaurants India में भी खोलने की सोच रहे है।
ये 11 राज्यों में वर्तमान में 43 add कर देगा Franchisees सहित। जो बिज़नेस मैंने Rs.1,000 की Capital लगा कर start किया था आज 30 crore की कंपनी हो गयी है।
तो दोस्तों ये थी एक Ordinary person की Extra-ordinary story जो हमें ये सिखाती है की कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। अगर किसी भी काम को ले कर हम अपनी मेहनत उसके अंदर डालें तो वो काम हमे हमारी Return जरूर देगा। काम कोई भी हो सोच बड़ी होनी चाइये innovative होनी चाइये।
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